वाहिगुरू जी का खालसा ॥
वाहिगुरू जी की फतिह ॥.....
व्याख्याकार : धरम सिंघ निहंग सिंघ सच्चखोज अकैडमी.....
हमारे मन में यह सवाल बार-बार उठता है कि सिख्ख तो बहुत दिखायी दे रहे हैं पर असल सिख्खी कहीं दिखायी नहीं दे रही | इसका कारण गुरबाणी से समझने वालों ने यह बताया कि जब तक गुरबाणी के असली अर्थ नहीं होते तब तक यह दर्द ज्यूँ का त्यूँ ही बना रहेगा | सच्चखोज अकैडमी के सहयोग से यह उपराला शुरू किया गया है जिससे गुरबाणी के सच की खोज, अख्खरी (अक्षरी ) अर्थों से आगे जाकर की जा सके |
Monday, December 20, 2021
🔰 𝐈𝐧𝐬𝐢𝐠𝐡𝐭𝐬 𝐚𝐭 𝐒𝐞𝐦𝐢𝐧𝐚𝐫 𝟐𝟎𝟐𝟏 𝐛𝐲 𝐃𝐡𝐚𝐫𝐚𝐦 𝐒𝐢𝐧𝐠𝐡 𝐍𝐢𝐡𝐚𝐧𝐠 𝐒𝐢𝐧𝐠𝐡 𝐨𝐧 ईमानदारी के बिना सुशासन संभव नहीं ।
🔰 𝐈𝐧𝐬𝐢𝐠𝐡𝐭𝐬 𝐚𝐭 𝐒𝐞𝐦𝐢𝐧𝐚𝐫 𝟐𝟎𝟐𝟏 𝐛𝐲 𝐃𝐡𝐚𝐫𝐚𝐦 𝐒𝐢𝐧𝐠𝐡 𝐍𝐢𝐡𝐚𝐧𝐠 𝐒𝐢𝐧𝐠𝐡 𝐨𝐧 ईमानदारी के बिना सुशासन संभव नहीं ।
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